प्रदेश भाजपा में अब संगठन के चुनाव नहीं होंगे, सीधे प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति होगी। भाजपा के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि अगले एक माह के अंदर नया प्रदेश अध्यक्ष ही प्रदेश, जिला और मंडल के पदाधिकारियों की सीधी नियुक्ति करेगा जिससे संगठन को मजबूत किया जा सके। इसके अलावा निगम, लोकसभा और 2025 में दिल्ली में होने वाली विधानसभा चुनाव की तैयारी भी संगठन के लक्ष्य में शामिल है।
तिवारी ने निगम, उसके बाद लोकसभा चुनाव में दिलवाई थी पार्टी को जीत
नए प्रदेश अध्यक्ष के दौड़ में मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को बताया जा रहा है। प्रदेश अध्यक्ष के समर्थकों का कहना है कि तिवारी ने तीनों निगम, उसके बाद लोकसभा चुनाव की सातों सीट से पार्टी के उम्मीदवारों को जीत दर्ज करवाई। विधानसभा चुनाव में भी अपने लोकसभा क्षेत्र से 3 विधायक को जितवाकर विधानसभा में भेजा है। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव की सारा प्रबंध राष्ट्रीय भाजपा का था, इसलिए हार से उनका लेना नहीं है। इस दौड़ में पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष िवजेन्द्र गुप्ता को भी बताया जा रहा है। विजेन्द्र गुप्ता दूसरी बार विधायक का चुनाव जीतकर आए है। करावल नगर से पांचवी बार जीत कर आए मोहन सिंह विष्ट और बदरपुर विधानसभा से जीते रामसिंह विधूड़ी काफी वरिष्ठ हैं। उनके नाम की भी चर्चा है। पूर्व संासद महेश िगरी और मौजूदा संासद, गौतम गंभीर भी प्रदेश अध्यक्ष की इच्छा जता चुके हैं।
अब तक प्रदेश अध्यक्ष बदलने के थे कयास
विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद चर्चा थी कि दिल्ली को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा। एक तो वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के कार्यकाल नंवबर, 2019 में ही पूरा हो चुका है दूसरा हार को लेकर जोरों की चर्चा थी कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष को बदला जाएगा। लेकिन अब सूत्रों का कहना है कि ऐसा मुश्किल है।